Crop Compensation in Maharashtra: आज के समय में जलवायु परिवर्तन का सबसे बुरा असर खेती-किसानी पर ही हुआ है. साल 2022 में मानसून के सबसे खराब रुख के कारण कई राज्यों में खड़ी फसलें लगभग बर्बाद हो गईं तो कहीं ज्यादातर खेत जलमग्न हो गये, जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ. इसी नुकसान की भरपाई के लिये केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से फसल नुकसान मुआवजा के लिये कई प्रयास किये जाते हैं. इसी कड़ी में महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के किसानों को बड़ी खुशखबरी दी है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र के सभी जिलों में किसानों को फसल नुकसान मुआवजे की रकम 15 सितंबर तक सीधा किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जायेगी. इस योजना के तहत सबसे ज्यादा सहायता राशि महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के किसानों को दी जायेगी. इस योजना से जुड़े कुछ नियमों और शर्तों के मुताबिक उस्मानाबाद जिले को राहत कार्यक्रम से बाहर रखा जायेगा.

प्रति हेक्टेयर के अनुसार भुगतानमहाराष्ट्र के किसानों को भारी बारिश के कारण फसल में होने वाले नुकसान के लिये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से भुगतान किया जायेगा. नियमों के मुताबिक किसानों को अधिकतम 3 हेक्टेयर तक फसल नुकसान के लिये सहायता राशि का भुगतान किया जायेगा, जिसके तहत किसानों को फसल के अनुसार 27 हजार से 36 हजार प्रति हेक्टेयर तक आर्थिक मदद प्रदान की जायेगी. इस योजना में महाराष्ट्र राज्य सरकार के साथ-साथ आपका प्रबंधन विभाग और केंद्र सरकार की तरफ से भी किसानों को अलग-अलग दरों पर सहायता राशि का भुगतान किया जायेगा.  

इन किसानों को मिलेगा लाभमहाराष्ट्र के सभी जिलों में किसानों को बारिश के कारण फसल में हुये नुकसान के लिये सहायता राशि प्रदान की जायेगी, जिसमें सबसे ज्यादा प्रभावित फसलें नांदेड़ जिले में स्थित है. दरअसल जुलाई 2022 में मानसून की बारिश के कारण सबसे ज्यादा नुकसान नांदेड़ जिले के किसानों को हुआ. इस इलाके में औसत बारिश से दो गुना ज्यादा पानी बरसा, जिसके कारण सबसे ज्यादा सोयाबीन का उत्पादन प्रभावित हुआ है.

राज्य सरकार ने बढ़ाया मुआवजामानसून 2022 में तेज बारिश कारण खरीफ फसलों में काफी ज्यादा नुकसान हुआ है, जिसको देखते हुये महाराष्ट्र सरकार ने किसानों के लिये मुआवजे की राशि को बढ़कार लगभग दोगुना कर दिया. 

  • खाद्यान्न फसलों में नुकसान का मुआवजा 6,800 रुपये प्रति हेक्टेयर दिया जाता था. इस सहायता राशि को जिसे बढ़कार अब 13, 600 रुपये प्रति हेक्टेयर कर दिया गया है. 
  • राज्य में बागवानी फसलों के लिये भी किसानों को 13,500 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा मिलता था, जिसे बढ़ाकर अब 27,000 रुपये प्रति हेक्टेयर कर दिया गया है.
  • मानसून में नुकसान के अलावा खेती के तीनों सीजन में हुये नुकसान पर मुआवजे की रकम को 18,000 रुपये प्रति हेक्टेयर से बढ़ाकर करीब 36,000 रुपये प्रति हेक्टेयर कर दिया है.

मानसून 2022 में  किसानों को हुआ नुकसानसाल 2022 का मानसून किसानों के लिये आफत का पैगाम लेकर आया. देश के ज्यादातर राज्यों में कम बारिश के कारण के कारण धान की बुवानी नहीं हो पाई तो वहीं तेज बारिश के कारण महाराष्ट्र जैसे राज्यों में खड़ी फसलें जलमग्न हो गई. इस समस्या का सबसे बुरा असर सोयाबीन और कपास की पैदावार पर पड़ेगा.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र के विदर्भ, मराठवाड़ा, पश्चिमी महाराष्ट्र, मध्य महाराष्ट्र और उत्तरी भागों की फसलों में काफी नुकसान देखने को मिला है, जिसके कारण वर्तमान में किसानों की माली हालत काफी खराब हो चली है. खासकर अभी देशभर में त्यौहारों का सीजन चल रहा है. ऐसी स्थिति में महाराष्ट्र सरकार की ओर से फसल नुकसान मुआवजे का भुगतान मिलने पर किसानों को आर्थिक संकट से मुक्ति मिलेगी.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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