Lumpy Virus: कोविड ने इंसानों पर तो लंपी वायरस ने जानवरों पर जमकर कहर बरपाया. राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल समेत अन्य राज्यों में लाखों पशु इस वायरस की चपेट में आ गए हैं. हजारों पशुओं की जान इस वायरस ने ले ली. पशु हानि से लाखों रुपये का नुकसान किसानों का हुआ. केंद्र सरकार और स्टेट गवर्नमेंट ने पशु पालकों को राहत देने की कोशिश की. मुआवजे के रूप में धनराशि जारी की गई. लेकिन लंपी वायरस की चपेट में आए पशु अभी भी कराह रहे हैं. पशुओं से जुड़े कई कारोबार देश में ठप हो गए. महाराष्ट्र में भी बहुत अधिक मामले लंपी वायरस के देखने को मिले. हालांकि अब केस घटने से यहां राहत मिलती दिख रही है.


महाराष्ट्र में कम हुए लंपी के केस 
महाराष्ट्र लंपी वायरस की चपेट में आने वाले राज्यों में प्रमुख रहा है. लेकिन अब राहत की बात यह है कि यहां केस घटने शुरू हो गए हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस राज्य के धुले जिले में 2 हजार 588 पशु लंपी वायरस फ्री हो चुके हैं. क्षेत्रीय डॉक्टरों का कहना है कि वैक्सीनेशन अभियान के कारण पशुओं की हालत में तेजी से सुधार हुआ है. हालांकि जिले में करीब 2700 पशु लंपी वायरस से संक्रमित हैं. 


मवेशियों की खरीद फरोख्त बंद, 37 करोड़ का कारोबार ठप
धुले कृषि उपज मंडी समिति में मवेशियों की खरीद फरोख्त की जाती है. लंपी वायरस जैसे ही फैलना शुरू हुआ. लाखों की संख्या में पशु इस वायरस की चपेट में आ गए. कहर बढ़ता देख सभी राज्यों में पशुओं से जुड़े कारोबार बंद कर दिए. एक राज्य से दूसरे राज्य में पशुओं की आवाजाही बैन कर दी गई. धुले कृषि उपज मंडी समिति में 37 करोड़ रुपये का कारोबार ठप हो गया. हालांकि अब हालात सुधरने के बाद दोबारा काम पटरी पर आने की स्थिति में है. 


देशभर में 50 हजार से अधिक पशुओं की मौत
लंपी वायरस की चपेट में आकर देश भर में करीब 50 हजार पशुओं की जान जा चुकी है. राजस्थान, महाराष्ट्र में काफी पशु वायरस से संक्रमित होकर जान दे चुके हैं. वहीं महाराष्ट्र के धुले जिले में 131 पशुओं की मौत हो चुकी है. इनमें 43 गाय, 70 बैल और 18 बछड़े शामिल हैं. स्टेट गवर्नमेंट की ओर से पशु पालकों को मरने वाले पशुओं का मुआवजा दिया जा रहा है. इसके लिए सभी पशु पालको ंसे आवेदन करने के लिए कहा गया है. जिले के 94 पशुपालकों को मुआवजा मिल चुका है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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