अक्सर देखा गया है कि ज्यादातर घरों में गुलाब, गुड़हल, चंपा, चमेली जैसे फूल उगाने का चलन है, लेकिन आप घर की छत पर कमल का फूल उगा सकते हैं. क्योंकि ज्यादातर कमल का पौधा पोखर या तालाब में ही उगता हुआ देखा जाता है.
कमल के बीज की अगर बात करें तो उसे सरल भाषा में कमल गट्टा भी कहा जाता है. इसको किराना स्टोर या फिर ऑनलाइन शॉपिंग साइट से आसानी से खरीदा जा सकता है. अगर आप किराने की दुकान से कमल गट्टा ले रहे हैं तो इसकी मात्रा थोड़ी ज्यादा रखें, क्योंकि कई बीज खराब भी हो जाते हैं. अंकुरित नहीं हो पाते. ऐसे बीजों को चेक करने के लिए उनको पानी में डाल दें, अगर बीज सतह पर बैठ जाते हैं तो वे अंकुरण के लिए सही हैं. लेकिन अगर ऐसा नहीं होता तो बीज खराब हैं.
उगाने से पहले बीज को घिसना जरूरी
कमल के बीज को उगाने के लिए बहुत जरूरी बात का ध्यान रखना होगा. उसे घिसना होगा, ताकि वह आसानी से बढ़ सके. कमल के बीज का बाहरी कोट भारी और कड़क यानि सख्त होता है. दो छोर वाले कमल के बीच के एक छोर में छेद दिखता है तो दूसरे में पॉइंटेड टिप. छेद की तरफ से उस वक्त तक घिसें तब तक कि उसका सफेद हिस्सा न दे. कमल के बीज को ध्यान पूर्वक घिसें इस प्रक्रिया में बीज खराब होने का डर रहता है.
कमल के बीजों को घिसने की प्रक्रिया से गुजरने के बाद बीज को बढ़ने के लिए एक आर-पार दिखने वाले कांच के गिलास में पानी डालें. अगर सीड्स ज्यादा हैं तो उनको दो-तीन अलग-अलग गिलासों में भी डाला जा सकता है. या फिर किसी बड़े गहरे गिलास का उपयोग करें. कमल के बीजों गर्मी में ही अंकुरित होते हैं. इसके लिए गिलास को धूप वाले स्थान पर रखना चाहिए. एक या दो दिन पर पानी बदना होगा. दो-तीन दिन के अंदर ग्लास में बढ़ता हुआ बीच दिखाई देने लगेगा. 10 दिन में कमल के सभी बीज अंकुरित हो जाएंगे. इसके अलावा 20 दिनों में ये चार से छह इंच तक लंबे भी हो सकते हैं.
कमल के बीज का अंकुर 2-3 इंच लंबा होने के बाद उसे किसी बड़े गिलास में बदना होगा. गिलास में मिट्टी और खाद डालकर अंकुरित बीज को 2-3 इंच नीचे हल्के हाथ से दबा देना चाहिए. इसमें पत्तियां और जड़ें दिखाई दें तो किसी बड़े टब या मिट्टी के बड़े पॉट में बदल दें. जिसके 50 प्रतिशत भाग में मिट्टी और गोबर की खाद को बराबर मात्रा में मिलाकर भरना होगा. इसके बाद इसमें पानी को सतह तक भर कर धूप वाले स्थान पर रखना होगा. कुछ दिन बाद कमल के अंकुरित बीजों को मिट्टी में एक या दो इंच नीचे बोना होगा. इसमें भरे पानी की साफ-सफाई के लिए छोटी-छोटी मछलियां भी टब में पाल सकते हैं. यह पर इस का ध्यान रखना होगा कि मछलियों को पौधों के बड़े होने के बाद ही पानी में डालें.
पर्याप्त पानी से बढ़ता है कमल
एक्सपर्ट्स की मानें तो कमल के पौधे को बढ़ने के लिए पानी की बहुत आवश्यकता है. तभी तो टब या मिट्टी के पॉट में पानी डालते रहें. यहां पर जल स्तर मिट्टी की सतह से 1-2 इंच ऊपर रखना होगा. धीरे-धीरे कमल का पौधा बड़ना शुरू होगा और फिर उसकी देखभाल पर्याप्त पानी, प्रकाश और खाद देकर करनी होगी. पंद्रह दिन के अंतराल पर पानी को बदलते रहना होगा. कमल की पत्तियां सड़ते या गलते हुए दिखाई दें तो उनको फौरन ही हटा देना चाहिए. कमल के बीज अंकुरण से लेकर फूल खिलने तक करीब पांच से छह महीने का वक्त लग जाता है. इसलिए कमल के फूल को घर में उगाना है तो धैर्य रखना होगा.