Litchi Farming: गर्मियों में बहुत फल होते हैं. जो लोगों को पसंद होते हैं. ऐसा ही एक फल है लीची. लीची खाने में भी बेहद स्वादिष्ट और मीठी होती है. तो वहीं लीची के अंदर बहुत सारे पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं. अगर लीची रोज खाई जाए. तो शरीर के लिए काफी फायदेमंद होती है. लीची खाने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी भी बढ़ती है. लीची कितने फायदे हैं. इसीलिए इसकी खूब मांग रहती है. अगर कोई लीची की खेती करता है तो उसे काफी मुनाफा हो सकता है. 


कैसे करें लीची की खेती?


भारत में लीची की खेती कई जगहों पर होती है. जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश में लीची की खेती सबसे ज्यादा होती है. लेकिन अब छत्तीसगढ़, पंजाब, असम, बिहा और झारखंड जैसे राज्य भी लीची की खेती कर रहे हैं. लीची की खेती के लिए 5 से लेकर 7 पीएच मान वाली बलुई दोमद मिट्टी सही मानी जाती है. इसके लिए लेटराइट मिट्टी का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.


लीची का बीज मानसून के बाद अगस्त और सितंबर के महीने में रोपा जाता है. लीची के एक पौधे को दूसरे पौधे से 10 मीटर की दूरी पर लगाना चाहिए. लीची के पौधे को रोपने से खेत में 90 सेंटीमीटर के गड्ढे बना ले चाहिए. जिनमें खाद और पोटाश डाल देना चाहिए. मानसून से पहले ही इसमें कुछ केमिकल्स मिलकर गड्डों को भर देना चाहिए. इसके बाद जब थोड़ी बारिश हो जाए तब इन में पौधे लगा देना चाहिए.  


लीची की फसल लेती है समय 


लीची की फसल समय लेने वाली फसल है. पूरी तरह फलने के लिए लीची की फसल 15 साल तक ले सकती है. लेकिन एक बार इसकी फसल सही से तैयार हो जाए. तो फिर यह करीब 100 रुपये प्रतिकिलो ग्राम  तक मार्केट में बिकती है. जिससे अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.  


लीची खाने से होता है यह फायदा 


लीची की मार्केट में खूब डिमांड रहती है. जहां लीची स्वादिष्ट होती है तो वहीं यह कई प्रकार की बीमारियों में भी काम आती है. लीची में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर से खराब सब्सटेंस बाहर निकलते हैं. इससे आर्थराइटिस और कैंसर जैसी बीमारी से भी बचाने में सहायता होती है. लीची कोल्ड और कफ से लड़ने में भी मदद करती है. इसके साथ ही इसमें विटामिन सी होता है. लीची में कोलेस्ट्रॉल नहीं होता. यह मोटापे को भी कम करती है. इसके साथ ही है मेटाबॉलिज्म भी ठीक करती है.


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