Collagen Gel for Animals: हमारे पशुओं को भी चोट लगने पर काफी पीड़ा होती है. कई बार गहरी चोट लगने पर कई दिनों तक पशु दर्द में कराहते रहते हैं. पशुओं के जख्म भरने में काफी समय लग जाता है. इस बीच काफी एतिहाद बरतनी होती है, लेकिन बरेली स्थित भारतीय पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान (IVRI) ने एक खास कोलेजन जेल तैयार कर दिया है, जिससे चोट लगने पर पशुओं को ज्यादा दिन जख्म सहना नहीं पड़ेगा. ये कोलेजेन जेल ना सिर्फ पशुओं के जख्मों को भरेगा, बल्कि इंफेक्शन को दूर करके टिशू की भी रिकवरी में मदद करेगा. कोलेजन जेल पर करीब 11 साल से रिसर्च चल रही थी, जिसके बाद आखिरी ट्राइल में सफलता मिल चुकी है. जल्द संस्थान कोलेजन जेल को पेटेंट करवाके दवा कंपनी के माध्यम से बाजार में उतारेगा.


कैसे तैयार हुआ कोलेजन जेल
भारतीय पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान (IVRI) में शल्य चिकित्सा विभाग की प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रेखा पाठक बताती हैं हमने 11 साल पहले इस पर रिसर्च शुरू की थी. इस जेल को टिशूग्राफी से तैयार किया गया है. इसकी सफलता को जांचने के लिए मुरादाबाद से लाई गई घायल पालतू बिल्ली पर कोलेजन जेल का इस्तेमाल किया जा चुका है.


इस बिल्ली की पीठ पर कुत्ते के दांत लगाने से गहरे जख्म हो गए थे, जो 2 महीने के इलाज से भी रिकवर नहीं हो पाए, लेकिव जब कोलेजन और पाउडर से इलाज किया गया तो बिल्ली की घाव जल्दी भर गया और त्वचा पर फिर से बाल उग आए.


एंटीसेप्टिक क्रीम से कई गुना बेहतर
आईवीआरआई की रिसर्च टीम ने अपने शोध में पाया कि दूसरी एंटी-सेप्टिक क्रीम की तुलना में कोलेजन जेल ने घाव को भरने मे चौथाई से भी कम समय लगाया. आमतौर पर इंसान की तरह ही पशुओं के घाव को ठीक करने के लिए भी एंटीसेप्टिक क्रीम और लोशन आने लगे हैं, जो इंफेक्शन को कम करते हैं.


इसके बाद टिशू अपने आप ही डेवलप हो जाते हैं. ऐसी स्थिति में कोलेजन जेल ना सिर्फ इंफेक्शन रोकता है, बल्कि जख्मों की भी तेजी से रिकवरी करता है. कई बार गहरे घाव पर लोशन या एंटीसेप्टिक क्रीम का कुछ खास प्रभाव नजर नहीं आता है. ऐसी स्थिति में कोलेजन जेल के परिणाम काफी अच्छे हैं.


जले हुए मरीजों पर भी इस्तेमाल
कई बार आपसी लड़ाई में पशुओं को पंजा, दांत या अन्य कारणों से चोट लग जाती है और गहरे जख्म हो जाते हैं. ऐसी स्थिति में कोलेजन जेल के इस्तेमाल से जख्मों को भरने में खास मदद मिलेगी. कोलेजन जेल  पर हुई इस ताजा रिसर्च को लेकर एम्स भोपाल की डॉ मेघा पांडेय ने बताया कि इस कोलेजन जेल का इस्तेमाल जले हुए मरीजों पर भी करने का प्लान है. उम्मीद की जा रही  है कि ये पशुओं जितना ही मरीजों पर भी कारगर साबित होगा.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.




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