Vegetable Cultivation: देश में बागवानी फसलों का चलन बढ़ता जा रहा है. किसानों ने पारंपरिक फसलों की बजाए सब्जी, फल, औषधी, फूल जैसी बागवानी फसलों की तरफ रुख किया है, हालांकि पारंपरिक खेती बंद नहीं हुई है, लेकिन अब मेन फोकस बागवानी फसलों पर ही है. इस खेती में ज्यादा लागत नहीं आती और फसल भी कम समय में ही तैयार हो जाती है. बाजार में हमेशा सब्जी फसलों की डिमांड रहती है, इसलिए मार्केटिंग की भी चिंता नहीं रहती. इन दिनों बागवानी विभाग भी सब्जियां उगाने के लिए किसानों को भरपूर सहयोग दे रहा है.

देश में राष्ट्रीय बागवानी मिशन चलाया जा रहा है, जिसमें सब्जियों की खेती के लिए आर्थिक मदद और ट्रेनिंग का प्रावधान है. इसी कड़ी में अब हरियाणा  सरकार भी किसानों को उन्नत विधियों से सब्जी उगाने के लिए आर्थिक मदद दे रही है. इसके लिए राज्य सरकार ने किसानों से आवेदन भी मांगे हैं.

किन किसानों को मिलेगा लाभसब्जियों की खेती के लिए हरियाणा सरकार की विशेष अनुदान योजना का लाभ सिर्फ हरियाणा राज्य में खेती करने वाले किसानों को ही दिया जाएगा. यदि पारंपरिक विधि से सब्जियां उगाते हैं तो योजना के पात्र नहीं हैं.

  • इस योजना के तहत बांस, लोहे के एंगल की स्टेकिंग, प्लास्टिक मल्चिंग, प्लास्टिक टनल या माइक्रो इरिगेशन के जरिए सब्जियां उगाने वाले किसान ही लाभान्वित होंगे.
  • यदि आप भी इस स्कीम का लाभ लेना चाहते हैं तो सब्जियों की पारंपरिक खेती के बजाए उन्नत तरीके अपना सकते हैं. 
  • इसका सबसे बड़ा फायदा यह भी है कि बांस या लोहे के एंगल की स्टेकिंग से सब्जियों का बेहतर उत्पादन और निगरानी में आसानी रहती है. 
  • प्लास्टिक मल्चिंग और माइक्रो इरिगेशन से कम सिंचाई में ही सब्जियों की बढ़िया पैदावार मिल जाती है.
  • वहीं प्लास्टिक टनल का इस्तेमाल करने पर सब्जी फसलों को मौसम की अनिश्चितताओं से भी नुकसान नहीं रहता.
  • इन तकनीकों से खेती की लागत तो कम होती ही है, सब्जी की उत्पादकता भी बढ़ती है.

कहां करें आवेदनआप भी सब्जियों की खेती के लिए अनुदान पाना चाहते हैं तो केंद्र सरकार की राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना में आवेदन कर सकते हैं.

  • हरियाणा सरकार की ओर से प्रस्तावित उन्नत तरीकों से सब्जियों की खेती पर अनुदान पाने के लिए सबसे पहले 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा.
  • यदि किसान के पास पंजीकरण  नंबर है तो सीधा https://hortnet.gov.in/ पर जाकर संबंधित योजना में आवेदन कर सकते हैं. 
  • अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के नजदीकी कृषि विभाग के कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं. 

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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