Subsidy on Pulses Seeds: खेती में जल सरंक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है. किसानों को पानी की कम खपत वाली फसलों की खेती करने के लिए प्रोत्साहन मिल रहा है. इस काम में राज्य सरकारें भी किसानों  की तकनीकी और आर्थिक मदद कर रही हैं. इस कड़ी में हरियाणा राज्य के किसानों को ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती के लिए अच्छी क्वालिटी के बीजों की खरीद पर 75 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है. पंजीकरण करवाने की आखिरी तारीख 10 अप्रैल रखी गई है. किसानों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने एक टोलफ्री नंबर भी जारी कर दिया है. 


ग्रीष्मकालीन मूंग के बीजों पर अनुदान


हरियाणा कृषि विभाग की ओर जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, राज्य के किसानों को ग्रीष्मकालीन मूंग के बीजों पर 75 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है. कोई भी किसान अधिकतम 3 एकड़ खेती के लिए बीजों की खरीद पर सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं.


क्यों करें मूंग की खेती


जानकारी के लिए बता दें कि मूंग एक दलहनी फसल है. दलहनी फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए कई इलाकों में ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती की जाती है. किसानों को मूंग की खेती से डबल फायदा मिलता है. एक तो बाजार में मूंग के ठीक-ठाक हाजिर भाव मिल जाते हैं. गेहूं की कटाई के बाद मूंग की बुवाई करना फायदेमंद रहता है.


ये खरीफ सीजन मे धान की बुवाई से पहले पककर तैयार हो जाती है. इससे वातावरण में नाइट्रोजन की स्थिरता बढ़ती और मिट्टी बांधने की क्षमता बेहतर होती है. इससे भूजल स्तर भी बेहतर रहता है. कुल मिलाकर मूंग से खेत की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है, जिसका फायदा अगली फसल की उत्पादकता पर होता है.






कैसे करें आवेदन


यदि आप भी हरियाणा के किसान हैं तो 10 अप्रैल तक ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती के लिए बीजों की खरीद पर अनुदान का लाभ ले सकते हैं.  इसके लिए किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल या www.agriharyana.gov.in पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा.


इसके बाद अपने रजिस्ट्रेशन की रसीद, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड या किसान क्रेडिट कार्ड सब्मिट करना होगा. अधिक जानकारी के लिए अपने जिले के कृषि उप-निदेशक से संपर्क कर सकते हैं. किसानों की सुविधा के लिए टोलफ्री नंबर- 1800 180 2117 भी जारी किया गया है. यहां कॉल करके अन्य योजनाओं के बारे में भी जानकारी ले सकते हैं. 


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