Food Processing Business: इन दिनों किसानों को फल, फूल, सब्जी और औषधीय फसलें उगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. बदलते मौसम में अकसर सब्जियां रखे-रखे ही खराब हो जाती हैं. इन दिनों मटर का सीजन चल रहा है, लेकिन कई इलाकों में मटर बेचकर किसानों को सही पैसा नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में फ्रोजन मटर का बिजनेस आपकी कमाई में चार चांद लगा देगा. अच्छी खबर ये भी है कि फ्रोजन मटर की तरह फल-सब्जियों का फूड़ प्रोसेसिंग बिजनेस (Food Processing Business) करने के लिए सरकार ने खास योजनाएं भी बनाई है, जिसके तहत 10 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद मिल जाती है.
अगर आप भी फ्रोजन मटर का बिजनेस करना चाहते हैं तो इस इस प्रोसेस को फॉलो करके अच्छा पैसा कमा सकते हैं. नीचे फ्रोजन मटर का बिजनेस शुरू करने की पूरी प्रोसेस और सरकारी योजना में आवेदन करने का तरीका भी बताया गया है.
मटर के मिलेंगे दोगुना दामदेश में मटर की डिमांड सालभर रहती है, लेकिन आपूर्ति काफी कम है. इन दिनों पहाड़ी इलाकों में बारिश के चलते मटर की बड़ी खेप में नुकसान हुआ है, जिससे बाजार में भी मटर के सही दाम नहीं मिल पा रहे. इस समस्या के समाधान के तौर पर खुद फूड़ प्रोसेसिंग बिजनेस लगाएं, जिसमें मटर को फ्रीज यानी जमाकर लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है. इसके बाद बाजार में प्रोसेसिंग और पैकेजिंग करके इसके बेचने पर मंडियों से भी अच्छे दाम मिल जाते हैं. इन दिनों ज्यादातर इलाकों में मटर की खेती की जा रही है, जिसे तैयार होने में 3 से 4 महीने का समय लग जाता है. तब मंडियों में बेचने के बजाए मटर की प्रोसेसिंग करके दोगुने दाम पर कहीं भी बेच सकते हैं.
ये आसान तरीका अपनाएंमटर का प्रोसेसिंग बिजनेस करने के लिए थोक के भाव मटर खरीद सकते हैं, जो बाजार में बड़ी मंडियों में सस्ती मिल जाती है. यदि किसान हैं तो खेत से मटर की पूरी हार्वेस्टिंग लेकर इकट्ठा करते रहें.
- इसके बाद छोटी-सी प्रोसेसिंग यूनिट लगाएं, जिसमें मटर की फलियों से दानों को अलग किया जा सके. इस काम को साफ-सफाई से करें.
- इसके बाद मटर के दानों को 90 डिग्री सेंटिग्रेट के तापमान में उबालाकर दोबारा 3 से 5 डिग्री सेंटिग्रेट तक ठंडे पानी में डालते हैं.
- इस प्रक्रिया से मटर के सभी बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं, जिसके बाद मटर के दानों को 4 डिग्री तक के तापमान में रखते हैं, ताकि मटर के दाने जम जाएं.
- इसके बाद फ्रोजन मटर की पैकेजिंग की जाती है. इस दौरान हर साइट के पैकेट का इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि बाजार में अलग-अलग मात्रा में मटर खरीदी जाती है.
- इस काम के लिए भी पैकेजिंग यूनिट लगा सकते हैं, जिस में बड़े ही आसानी से पैकेजिंग का काम हो जाता है. इस तरह फ्रोजन मटर का प्रॉडक्ट तैयार होता है.
यहां करें सप्लाईफ्रोजन मटर की सबसे ज्यादा डिमांड जनरल स्टोर और डेयरी पॉइंट्स पर होती है. इसके अलावा कैफे, होटल, रेस्टोरेंट और बड़े-बड़े मॉल्स में भी सीधा सप्लाई कर सकते हैं.
लागत और आमदनीछोटे स्तर पर फ्रोजन मटर का बिजनेस (Frozen Peas Business) करने के लिए 20,000 से 30,000 तक खर्चा आ सकता है. इसके अलावा 4,000 से 5,000 वर्गफुट जगह भी लगेगी, जिसमें फ्रोजन मटर तैयार करने के लिए प्रोसेसिंग यूनिट और पैकेजिंग यूनिट लगाई जा सकती है. इसके अलावा, मटर छीलने के लिए भी मजदूरों की आवश्यकता होगी.
- वहीं बड़े स्तर पर ये काम करने के लिए जगह, सामान, मैन पावर और मशीनें भी बड़ी लगेंगी, जिसमें 10 से 15 लाख तक की लागत आ सकती है.
- इसके लिए केंद्र सरकार की सूक्ष्य खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है.
- साथ ही, एग्री बिजनेस योजना के तहत भी अनुदान का प्रावधान है. इस तरह कम खर्च में अच्छा पैसा कमा सकते हैं.
- बता दें कि बड़े स्तर पर फूड बिजनेस करने के लिए लाइसेंस भी लेना होता है.
एक अनुमान के मुताबिक, फ्रोजन मटर के बिजनेस में एक बार ही मैन्यूफेक्चरिंग की जाती है, लेकिन एक सीजन की फसल के मुकाबले 50 से 80 प्रतिशत अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. जहां सर्दियों में मटर 20 से 50 रुपये किलो के भाव मिलती है. वहीं ऑफ सीजन में फ्रोजन मटर को 120 से 200 रुपये किलो के भाव बेच सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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