Agriculture Growth: रबी सीजन चल रहा है. खेतों में किसान रबी फसलों की बुआई कर रहे हैं. रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं हैं. किसानों ने सरकारी केंद्र और बाजार से बेहतर गेहूं के बीज लाकर बोना शुरू कर दिया है. केंद्र सरकार भी अलग अलग स्टेट से गेहूं बुवाई के आंकड़े जुटा रही हैं. अच्छी बात यह है कि देश में हर दिन गेहूं बुवाई का रकबा बढ़ता जा रहा है. केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है कि रबी सीजन के दौरान गेहूं की बुवाई जिस तरह से हो रही है. उससे गेहूं का भरपूर स्टॉक मौजूद होगा. केंद्र सरकार के आंकड़ों में चालू रबी सीजन में दो दिसंबर तक सभी रबी फसलों की कुल बुवाई का रकबा  450.61 लाख हेक्टेयर हो गया है. ये एक साल पहले 423.52 लाख हेक्टेयर था. फसलों की बुवाई एरिया में 27 लाख हेक्टेयर की ग्रोथ दर्ज की गई है. 


211 लाख हेक्टेयर हुआ गेहूं का रकबा
खरीपफ की फसलें कटने के बाद देश के सभी राज्यों में रबी फसलों की बुवाई चल रही है. गेहूं की बुवाई अक्टूबर में शुरू होती है. कटाई का समय मार्च और अप्रेल होता है. पिछले दो महीने से देश में गेहूं की बुवाई चल रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी आंकड़ों में गेहूं बुवाई का एरिया सालाना 5.36 प्रतिशत बढ़कर 211 लाख हेक्टेयर हो गया है. 


एक साल पहले था 200 लाख हेक्टेयर
केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल इसी समय तक गेहूं का रकबा 200 लाख हेक्टेयर था. अब करीब 211 लाख हेक्टेयर हो गया है. पिछले साल के मुकाबले इस साल गेहूं की बुवाई में 11 लाख हेक्टेयर की बढ़त दर्ज की गई है. राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और पंजाब में अधिक रकबे में गेहूं बोया गया है. 


धान का भी बुवाई क्षेत्र बढ़ा
धान खरीफ और रबी दोनों ही सीजन में बोया जाता है. लेकिन इसे खरीफ की प्रमुख फसल माना जाता है. धान के कुल उत्पादन को देखें तो 80 प्रतिशत धान खरीफ सीजन में होता है, जबकि 20 प्रतिशत धान रबी सीजन में बोया जाता है. चालू रबी सत्र में दो दिसंबर तक धान की बुवाई का रकबा 10.62 लाख हेक्टेयर हो गया है. यह पिछले साल इसी समय तक 9.53 लाख हेक्टेयर था. यह मामूली बढ़त के तौर पर ही देखा जा रहा है. वहीं, मोटे अनाजों की खेती का रकबा बढ़कर 32.63 लाख हेक्टेयर हो गया है.


दलहन बुवाई का रकबा 4 लाख हेक्टेयर बढ़ा
दलहन की बुवाई भी मौजूदा समय में चल रही है. दलहन बुवाई का रकबा चालू रबी सीजन में दो दिसंबर को बढ़कर 112.67 लाख हेक्टेयर हो गया. एक साल पहले यह यह रकबा 108.57 लाख हेक्टेयर था. दलहन फसल चना बुवाई का एरिया बढ़कर 79.82 लाख हेक्टेयर हो गया है. एक साल पहले यह इसी समय तक 75.80 लाख हेक्टेयर था. मोटे अनाजों की खेती पिछले साल 29.02 लाख हेक्टेयर थी. अब यह बढ़कर 32.63 लाख हेक्टेयर हो गई है. वहीं, तिलहन का रकबा भी 83 लाख हेक्टेयर हो गया है. साल भर पहले यह 75 लाख हेक्टेयर था. रेपसीड सरसों का रकबा पिछले साल 69 लाख हेक्टेयर था, जोकि इस साल 76 लाख हेक्टेयर हो गया है. 


 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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