Subsidy on Mushroom Farming: देश में बागवानी फसलों का चलन बढ़ता जा रहा है. अब किसान पारंपरिक फसलों के साथ सब्जी, फल, औषधी, मसालों की भी अंतरवर्तीय खेती करने लगे हैं. इससे किसानों को अतिरिक्त आमदनी तो मिल ही जाती है. पिछले कुछ सालों में मशरूम भी एक प्रमुख बागवानी फसल बनकर उभरी है. बिहार समेत कई राज्य के किसान मशरूम की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. दूसरे राज्य भी आज बिहार से प्रेरित होकर मशरूम की खेती को बढ़ावा दे रहे हैं. देश-विदेश में सुपरफूड के तौर पर इस फंगी/कवक की मांग बढ़ रही है.


इसी कड़ी में राजस्थान सरकार भी मशरूम की खेती को बढ़ावा दे रही है. राज्य के किसानों को मशरूम यूनिट लगाने के लिए अनुदान भी दिया जाता है. इसके लिए सरकार भी समय-समय पर आवेदन मांगती हैं.


कैसे मिलेगा अनुदान का लाभ
मशरूम उत्पादन यूनिट लगाने के लिए राजस्थान की सरकार 40% सब्सिडी पर 8 लाख रुपये का क्रेडिट लिंक बैक ऐंडिड अनुदान देती है. अधिकतम 20 लाख रुपये की लागत वाले मशरूम उत्पादन इकाई के लिए 40% अनुदान दिया जाता है. इसके लिए सरकार 8 लाख रुपये प्रति इकाई क्रेडिट लिंक बैक एंडिडयड अनुदान देती है. 



  • वहीं 15 लाख रुपये तक की लागत वाली इकाई के लिए भी 40% अनुदान पर 6 लाख रुपये का क्रेडिट लिंक बैक एंडिड अनुदान दिया जाता है.

  • मशरूम स्पॉन/कंपोस्ट यूनिट के लिए भी 20 लाख रुपये की लागत रखी गई है. इतना खर्च होने पर सरकार 40% सब्सिडी अनुदान क्रेडिट लिंक बैक एंडिड अनुदान देती है.


इन किसानों को मिलेगा लाभ 
वैसे तो मशरूम में बागवानी फसल है, जिसकी खेती  के लिए राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत भी अनुदान का प्रावधान है, लेकिन राजस्थान की सरकार अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, श्रीगंगानगर, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावार, झुंझुनू, जोधपुर, कोटा, नागौर, पाली, सिरोही, सवाई माधोपुर, टोंक, उदयपुर, बांरा और करौली के किसान या किसानों के समूह को ही अनुदान के लिए शामिल किया गया है.


कैसे करें आवेदन 
यदि आप राजस्थान के किसान हैं और खेती के साथ-साथ मशरूम उत्पादन यूनिट लगाने का मन बना रहे हैं तो सरकार की तरफ से दी जा रही क्रेडिट लिंक बैक एंडिड अनुदान का लाभ ले सकते हैं.


इस स्कीम में आवेदन करने से पहले अपने जिले के कृषि विभाग या कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं, जहां इस योजना की अपडेट मिल जाएगी. इसके बाद कृषि विभाग में ही ऑफलाइन फॉर्म जमा करवाया जा सकता है या फिर नजदीकी मित्र केंद्र यह सीएससी सेंटर पर जाकर भी निशुल्क आवेदन कर सकते हैं.


ध्यान रखें कि किसानों को आवेदन के साथ कुछ डोक्यूमेंट भी अटैच करने होंगे, जिसमें आधार कार्ड, बैंक पासबुक, पैन कार्ड, किसान का शपथ पत्र या लोन की कॉपी, जनाधार या भामाशाह कार्ड की कॉपी और अपनी पूरी प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी सब्मिट करनी होगी.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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