गोवा को अक्सर हम खूबसूरत समुद्र तटों और टूरिज्म के लिए जानते हैं, लेकिन बहुत कम लोग यह जानते हैं कि गोवा काजू की खेती के लिए भी देश में सबसे बेहतरीन जगहों में से एक है. यहां की मिट्टी, मौसम और नमी काजू के पौधों के लिए बेहद अनुकूल मानी जाती है. यही वजह है कि गोवा में बड़े पैमाने पर काजू की खेती होती है और किसान इससे अच्छी-खासी कमाई भी कर रहे हैं.
काजू की खेती के लिए गर्म और नम जलवायु सबसे जरूरी होती है. गोवा में सालभर हल्की गर्मी और नमी बनी रहती है, जिससे काजू के पौधे तेजी से बढ़ते हैं और अच्छे फल देते हैं. यहां की लाल दोमट मिट्टी, बारिश का अच्छा बैलेंस और समुद्री हवाएं काजू की ग्रोथ को बढ़ावा देती हैं. यही कारण है कि गोवा में काजू की क्वालिटी देश के बाकी हिस्सों से कहीं बेहतर होती है.
कितना निवेश और कितनी कमाई?
काजू की खेती में शुरुआत में थोड़ा निवेश जरूर होता है, लेकिन एक बार पेड़ तैयार हो जाने के बाद हर साल 15 से 20 साल तक फल देता है. एक हेक्टेयर जमीन में करीब 100 से 120 पौधे लगाए जा सकते हैं. एक पेड़ से औसतन 8-10 किलो काजू निकलता है. बाजार में काजू की कीमत 800 से 1,200 रुपये प्रति किलो तक होती है.
इस हिसाब से एक हेक्टेयर से सालाना 8 से 10 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है, वह भी सिर्फ काजू से. अगर आप उसी पेड़ से निकलने वाले काजू फल (cashew apple) से शराब या जूस बनाएं तो कमाई और भी बढ़ सकती है.
कैसे शुरू करें काजू की खेती?
- सबसे पहले किसी कृषि विशेषज्ञ या विभाग से मिट्टी की जांच करवाएं.
- अच्छी किस्म के बीज या पौधे चुनें, जैसे कि Vengurla-4, Vengurla-7 या Goa-1.
- सही दूरी और गहराई के साथ पौधे लगाएं.
- पानी की व्यवस्था, खाद और देखभाल नियमित करें.
- पौधे लगने के 3-4 साल बाद फल देना शुरू करते हैं और फिर लगातार 15-20 साल तक फल देते हैं.यह भी पढ़ें- जून में आ सकती है पीएम किसान निधि की अगली किस्त, जानें कैसे चेक कर सकते हैं लिस्ट में अपना नाम