Subsidy on Farm Machinery: फसल कटाई के बाद पराली और फसल अवशेषों को निपटाना (Stubble Management) बड़ा ही चुनौतीपूर्ण काम है. एक बार पराली का प्रबंधन हो भी जाये तो फिर खेतों की साफ-सफाई करने और फसल की बची-कुची ठूंठ को निकालने में भी लंबा समय बर्बाद होता है, लेकिन अब ऐसी मशीन बाजार में आ चुकी है, जिससे फसल अवशेष प्रबंधन के साथ-साथ खेतों की उपजाऊ शक्ति भी बढ़ जायेगी.

हम बात कर रहे हैं 'टू इन वन' फायदे वाली रोटरी हार्वेस्टर मशीन (Rotary Harvester Machine) की. ये मशीन फसल के अवशेषों को खेत में ही काटकर फैला देती है. इस आधुनिक मशीन के फायदों को देखते हुये बिहार सरकार ने ये मशीन 80 प्रतिशत की सब्सिडी पर उपलब्ध करवाने का फैसला किया है. इसके लिये राज्य के किसानों से आवेदन भी मांगे गये हैं.

क्या है रोटरी मल्चररोटरी हार्वेस्टर मशीन को रोटरी मल्चर (Rotary Mulcher Machine) भी कहते हैं. ये आधुनिक कृषि यंत्र फसल कटाई के बाद खेत में बचे फसल अवशेष को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर खेत में फैला देता है. इससे खेत की नमी तो कायम रहती ही है, साथ ये पराली डीकंपोज होकर खाद में तब्दील हो जाती है. फसल अवशेषों के प्रबंधन में ये आधुनिक मशीन काफी मददगार साबित हो सकती है. 

रोटरी मल्चर पर सब्सिडीबिहार कृषि विभाग (Bihar Agriculture Department) ने कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत रोटरी मल्चर या रोटरी हार्वेस्टर मशीन की खरीद पर 75 से 80 प्रतिशत तक सब्सिडी का ऐलान किया है.

  • राज्य में सामान्य वर्ग के किसानों को रोटरी हार्वेस्टर मशीन की खरीद पर 75 प्रतिशत तक की सब्सिडी या अधिकतन 1,10,000 रुपये का अनुदान दिया जायेगा.
  • वहीं एससी-एसटी, ओबीसी और अन्य वर्ग के किसानों को रोटरी मल्चर पर 80 प्रतिशत तक सब्सिडी और अधिकतम 1,20,000  रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी.

यहां करें आवेदनरोटरी मल्चर या रोटरी हार्वेस्टर मशीन की खरीद पर सब्सिडी (Subsidy on Farm Machinery) का लाभ लेने के लिये बिहार कृषि विभाग के पोर्टल पर https://dbtagriculture.bihar.gov.in/ जाकर आवेदन कर सकते हैं.

  • कृषि यंत्रीकरण योजना से जुड़ी अधिक जानकारी के लिये हेल्पलाइन नंबर- 1800-3456-214 पर भी संपर्क कर सकते हैं.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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