Subsidy on Banana Cultivation: भारत में पारंपरिक फसलों के मुकाबले बागवानी फसलों (Horticulture Crops) का रकबा बढ़ाया जा रहा है. इस उद्देश्य को पूरा करने के लिये केंद्र और राज्य सरकार मिलकर किसानों को आर्थिक सहायता (Horticulture Subsidy)और नई तकनीकों का इस्तेमाल करने की हिदायत भी दे रही है. इससे किसानों को कम खर्च में फल, सब्जी, मसाले और औषधीय फसलों का उत्पादन लेने में खास मदद मिलती है. इसी कड़ी में बिहार राज्य सरकार की तरफ से किसानों को केला की बागवानी (Subsidy on Banana Cultivation) करने के लिये 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है. बस शर्त यह है कि केला की खेती के लिये टिशू कल्चर तकनीक (Banana Farming from Tissue Culture)  को अपनाना होगा.

क्या है टिशू कल्चर तकनीक (What is Tissue Culture Technique) भारत में मौसम की अनिश्चितताओं और कीट-रोगों के जोखिमों के बीच केला की खेती करना चुनौतीपूर्ण काम होता जा रहा है. इसी बीच टिशू कल्चर तकनीक के जरिये केला की उन्नत किस्मों के मजबूत पौधे तैयार किये जाते हैं. ये पौधे पूरी तरह स्वस्थ और रोग प्रतिरोधी होते हैं.

इन पौधों का विकास अच्छी गति से होता है और पुष्पन में भी आसानी रहती है. टिशू कल्चर तकनीक से लगाये गये केला के पौधों से एक समान आकार के फलों का 60 से 70 किलोग्राम तक उत्पादन मिलता है. जहां टिशू कल्चर तकनीक से केला के पौधों की रोपाई के बाद 12 से 14 महीने के अंदर फलों का उत्पादन मिलने लगता है. वहीं साधारण विधि से फल उत्पादन में 17 से 18 महीने का समय लग सकता है.  

केले की खेती पर सब्सिडीबिहार सरकार की ओर से सदाबहार बागवानी फसल केला की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. साथ ही कम खर्च में केला की फसल से सुरक्षित उत्पादन लेने के उद्देश्य से टिशू कल्चर तकनीक पर 50 फीसदी तक की सब्सिडी भी दी जायेगी.

जानकारी के लिये बता दें कि एक हेक्टेयर में केला की बागवानी (Banana Cultivation) करने के लिये करीब 1,25,000 तक का शुरूआती खर्च यानी प्रति इकाई लागत आती है, जिसमें लाभार्थी किसानों को सिर्फ 62,500 का ही खर्च उठाना होगा और बाकी आधा खर्च बिहार सरकार उठायेगी.

कहां करें आवेदनटिशू कल्चर तकनीक से केला की खेती (Banana Cultivation from Tissue Culture) पर आर्थिक अनुदान का लाभ लेने के लिये किसानों को बिहार बागवानी विभाग (Directorate of Horticulture, Bihar) की आधाकारिक वेबसाइट http://horticulture.bihar.gov.in/ पर जाकर आवेदन करना होगा.  किसान चाहें तो  इस योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिये अपने नजदीकी जिले में उद्यान विभाग के कार्यालय में सहायक निदेशक से भी संपर्क कर सकते हैं. 

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जानकारियों पर आधारित है. ABPLive.com किसी भी तरह की जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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