Lumpy Disease: कोरोना ने इंसानों पर कहर बरपाया, लंपी ने पशुओं को परेशान करके रख दिया है. अलग-अलग राज्यों में हजारों पशुओं की मौत लंपी वायरस से हो चुकी है. लंपी वायरस से बचाव के लिए केंद्र सरकार व स्टेट गवर्नमेंट लगातार वैक्सीनेशन अभियान चला रही हैं. राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, हिमाचल, उत्तराखंड समेत सभी राज्यों में लाखों की संख्या में पशु लंपी की चपेट में आ चुके हैं. लंपी वायरस पर काबू पाने के मामले में महाराष्ट्र सरकार ने भी ग्राउंड लेवल पर काफी काम किया है.


3030 गांवों में लंपी वायरस की चपेट में पशु
लंपी वायरस से निपटने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने कदम उठाए हैं. स्टेट में 32 जिलों के 3030 गांवों में लंपी वायरस की चपेट में आकर हजारों पशु बीमार हो चुके हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रोग की चपेट में आए 93166 पशु स्वस्थ्य हो चुके हैं. जो पशु अभी भी बीमार हैं. उनका इलाज चल रहा है. राज्य के विभिन्न जिलों में अभी तक कुल 140.97 लाख टीके उपलब्ध कराए जा चुके हैं, जबकि 135.58 लाख पशुओं का फ्री में टीका लगाया जाएगा. स्टेट गवर्नमेंट के अफसरों का कहना है कि सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द स्टेट में 100 प्रतिशत टीकाकरण पूरा कर लिया जाए. 


टीकाकरण का 97 प्रतिशत टारगेट पूरा
लंपी पर काबू पाने के लिए महाराष्ट गवर्नमेंट टीकाकरण अभियान पर जोर दे रही है. निजी संगठनों, सहकारी दुग्ध समितियों और व्यक्तिगत पशुपालकों द्वारा जुटाए गए टीकाकरण के आंकड़ों के अनुसार, स्टेट में करीब 97 प्रतिशत पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है. प्रभावित गांवों में कुल 143089 संक्रमित पशुओं में से 93166 पशु इलाज कराकर ठीक हो चुके हैं. सरकार के सामने एक और चिंता सामने आई है. लंपी डिसीज की चपेट में आने के कारण पशुओं की दूध देने की क्षमता कम हो गई है. इससे आने वाले समय में देश में दुग्ध उत्पादन संकट पैदा हो सकता है. दूध कम होने पर इसके प्राइस पर भी प्रभाव पड़ सकता है.


टीके के लिए पशुपालक भी करें संपर्क
महाराष्ट सरकार वायरस को लेकर गंभीर हैं. प्रशासनिक और पशु चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े अफसरों को निर्देश दिए गए हैं कि पशुपालकों को सरकारी अधिकारियों के पास ही जाना चाहिए और दवा टीकाकरण का प्रबंध करना चाहिए. सरकार की योजना है कि पशुओं को फ्री में दवा और निशुल्क टीकाकरण हो. पशु चिकित्सा विभाग को भी लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए हैं. सरकार ने एक बात और साफ कर दी है कि यदि कोई प्राइवेट चिकित्सक लंपी स्किन डिजीज रोगों का अपने तरीके से इलाज करने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि और तरीकों को केवल सुझाव के रूप में लें. किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


ये भी पढ़ें: Stubble Burning: दिवाली पर भी पराली जलाने से बाज नहीं आये किसान, हरियाणा- पंजाब में इतनी जगह जला दी पराली