Aeroponic Technique In Potato Farming: आलू, धान, मक्का जैसी किसानों की पारंपरिक फसलें हैं. किसान खेतों में इन फसलों की बुवाई कर अच्छी पैदावार पा लेते हैं. देश में इन फसलों की खेती ठीक ठाक पैमाने पर होती है. वहीं आमतौर पर किसी भी फसल की बुवाई के लिए जमीन और मिटटी की जरूरत होती है. लेकिन जैसे जैसे विज्ञान बढ़ा, पारंपरिक तौर पर चल रही विधियां उतनी बदलती जा रही हैं. खेती में ऐसी तकनीक भी विकसित कर ली गई हैं. जिसमें काफी अधिक तक जमीन की जरूरत ही खत्म हो गई हैं. 


एरोपोनिक तकनीक से करें आलू की खेती
हरियाणा सरकार किसानों को उन्नत तकनीकों से खेती करने के लिए प्रेरित कर रही है. राज्य के करनाल के आलू प्रौद्योगिकी केंद्र के वैज्ञानिकों ने किसानों को ऐसी ही तकनीक से फसलों की पैदावार करने के लिए प्रेरित किया है. राज्य में काफी संख्या में किसान इस तकनीक से उपज कर बंपर पैदावार भी ले रहे हैं. कृषि विभाग के अधिकारी जिले में अवेयरनेस प्रोग्राम चलाकर किसानों को इस तरह की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. 


न मिट्टी और न जमीन की जरूरत
वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐरोपोनिक तकनीक में न मिट्टी और न ही जमीन की जरूरत होती है. इसमें पौधे को हवा में उगाया जाता है. इस तकनीक से नर्सरी में आलू की पौध तैयार की जाती है. विशेषज्ञों का कहना है कि सबसे पहले इसके लिए एक एरोपोनिक यूनिट बनाई जाती है. इस यूनिट में पौधे की सिंचाई के लिए मिलने वाले पानी, खाद और अन्य जरूरी पोषक तत्वों का इंतजाम किया जाता है. फिर तकनीक से आलू को पोषक तत्व और सिंचाई की जाती है. आलू का उत्पादन इस तरह से किया जाता है, जिससे पौधों में बीमारी का खतरा न रहे. 


80 दिन में आ जाते आलू, 10 गुना अधिक पैदावार
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तकनीक से उपज पानी है तो किसान को सही ढंग से फसल की देखभाल करने की जरूरत होती है. एरोपोनिक्स तकनीक से 70 ससे 80 दिन में आलू की फसल तैयार हो जाती है. किसान इसे काटकर बुवाई के लिए ले जा सकता है. यदि घर पर कोई पकाकर खाना चाहता है तो खा सकता है.  अच्छी बात ये है कि इस तकनीक में आलू की बुवाई करने पर बहुत तेजी से बढ़ोत्तरी करता है. इस तकनीक का लाभ पाकर दस गुना तक अधिक पैदावार पा सकते हैं. इसमें अधिक जगह की भी जरूरत नहीं होती है. 



Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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